आपका जन्म एक अमीर और बड़ी ज़ात वाले के घर में हुआ
इसलिए आपको पढ़ने की सहूलियत मिली
आप को अपने जन्म की जगह की वजह से पैदाइशी राजनैतिक ताकत मिली
आपको जन्म की जगह की वजह से पैदाइशी सामाजिक रुतबा मिल गया
इसलिए आपको पढ़ने की सहूलियत मिली
आप को अपने जन्म की जगह की वजह से पैदाइशी राजनैतिक ताकत मिली
आपको जन्म की जगह की वजह से पैदाइशी सामाजिक रुतबा मिल गया
एक बच्चा एक गरीब छोटी ज़ात वाले के झोंपड़ी में पैदा हुआ
उसे गरीबी की वजह से काम पर जाना पड़ा
वह स्कूल में नहीं पढ़ पाता
वह मेहनत के बावजूद मजदूर ही बना रहता है
उसकी कोई राजनैतिक ताकत भी नहीं है
वह सामाजिक तौर पर भी छोटा माना जाता है
उसे गरीबी की वजह से काम पर जाना पड़ा
वह स्कूल में नहीं पढ़ पाता
वह मेहनत के बावजूद मजदूर ही बना रहता है
उसकी कोई राजनैतिक ताकत भी नहीं है
वह सामाजिक तौर पर भी छोटा माना जाता है
आपका जन्म अगर अमीर घर में हुआ है
तो आप अब गरीब का घर सरकारी बुलडोजर लगवा कर तोड़ सकते हैं
आप उस के घर को जब चाहे अवैध कह सकते हैं
राष्ट्र के विकास के नाम पर उसकी ज़मीन अमीर उद्योगपति छीन कर ले सकते हैं
तो आप अब गरीब का घर सरकारी बुलडोजर लगवा कर तोड़ सकते हैं
आप उस के घर को जब चाहे अवैध कह सकते हैं
राष्ट्र के विकास के नाम पर उसकी ज़मीन अमीर उद्योगपति छीन कर ले सकते हैं
आपका धर्म इस सब के विरुद्ध नहीं है
आपकी राजनीति इसे उचित मानती है
आपकी सभ्यता इसे सही मानती है
आपकी राजनीति इसे उचित मानती है
आपकी सभ्यता इसे सही मानती है
आपका धर्म आपकी राजनीति और और आपकी सभ्यता अमीर की तरफदारी में बनी है
इसे बनाया ही ताकतवर तबके ने है
इसलिए यह धर्म ,राजनीति और सभ्यता इस अन्याय को चुनौती देती ही नहीं हैं
इसे बनाया ही ताकतवर तबके ने है
इसलिए यह धर्म ,राजनीति और सभ्यता इस अन्याय को चुनौती देती ही नहीं हैं
आपका यह धर्म ,यह राजनैतिक व्यवस्था और सभ्यता बिलकुल अवैज्ञानिक और क्रूर है
इसलिए आपका धर्म ,राजनीति और सभ्यता हथियारों के दम पर ही टिकाया गया है
जिस दिन इस धर्म ,राजनीति और सभ्यता के पास
पुलिस और सेना की हिंसक ताकत नहीं होगी
इसलिए आपका धर्म ,राजनीति और सभ्यता हथियारों के दम पर ही टिकाया गया है
जिस दिन इस धर्म ,राजनीति और सभ्यता के पास
पुलिस और सेना की हिंसक ताकत नहीं होगी
उस दिन मेहनत करने वाला खायेगा
मेहनत करने वाला ही मकान बना पायेगा
मेहनत करने वाले की ही इज्ज़त होगी
मेहनत करने वाला ही मकान बना पायेगा
मेहनत करने वाले की ही इज्ज़त होगी
बिना इस राजनैतिक आर्थिक और सामजिक व्यवस्था की मदद के आप बैठे ठाले
बड़े मकानों वाले
ठूंस ठूंस कर पीज़ा खा खा कर मोटे होने वाले
इज्ज़तदार अमीर बन ही नहीं सकते
बड़े मकानों वाले
ठूंस ठूंस कर पीज़ा खा खा कर मोटे होने वाले
इज्ज़तदार अमीर बन ही नहीं सकते
इसलिए हमारी सारी बेचैनी यही है कि इस राजनैतिक
आर्थिक
और सामजिक
धार्मिक
सभ्यता
वाली व्यवस्था को कैसे बदल डालें
आर्थिक
और सामजिक
धार्मिक
सभ्यता
वाली व्यवस्था को कैसे बदल डालें
इस धार्मिक, आर्थिक और राजनैतिक व्यवस्था के रहते
दुनिया में
न्याय
प्रेम
और शांति
आ ही नहीं सकती
दुनिया में
न्याय
प्रेम
और शांति
आ ही नहीं सकती
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