Friday, August 8, 2014

धरम

धरम दाढ़ी में है 
धरम चोटी में है 

धरम टोपी में है 
धरम पगड़ी में है

धरम सलवार में है 
धरम धोती में है

धरम बुरखे में है 
धरम घूंघट में है

धरम मंदिर में है
धरम मस्जिद में है

धरम नमाज़ में है
धरम पूजा में है

धरम दफनाने में है
धरम जलाने में है

धरम हलाल में है
धरम झटके में है

धरम इंसान के नाम में है

धरम प्यार में नहीं है
धरम सच जानने में नहीं है
धरम सबके साथ जुड़ने में नहीं है

धरम लड़ने में है
धरम नफ़रत में है
धरम घमंड में है
धरम मूढ़ता में है
धरम ज़हालत में है

धर्म औ मजहब जिंदाबाद
सारे सेक्युलर मुर्दाबाद

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