Friday, March 11, 2016

सोनी सोरी - १


सोनी सोरी एक आदिवासी महिला है .
उसका घर भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा जिले में है .
सोनी सोरी के गाँव का नाम बड़े वेड़मा है .
सोनी सोरी के एक बहन और तीन भाई और भी हैं .
सोनी के पिता एक आदिवासी किसान हैं .
वे मेहनती और खुले दिमाग के इंसान हैं .
उन्होंने अपने सभी बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजा .
सोनी सोरी की उम्र जब पढ़ने लायक हुई तो सोनी सोरी के पिता ने सोनी को भी स्कूल भेज दिया .
बस्तर में गांधीवादी कार्यकर्ता धर्मपाल सैनी, आदिवासी लड़कियों के लिए आश्रम चलाते थे .
सोनी के पिता ने अपनी बेटी को भी उनके आश्रम स्कूल में पढ़ने के लिए भर्ती कर दिया .
बस्तर में आवासीय विद्यालयों को आश्रम स्कूल कहा जाता है .
सोनी सोरी भी माता रुक्मणि आश्रम, गाँव-डिमरापाल, जिला बस्तर छत्तीसगढ़ में रह कर पढ़ने लगी .
सोनी सोरी ने सन 1999 में बारहवीं कक्षा पास कर ली .
इसके बाद सोनी सोरी ने सरकारी स्कूल में नौकरी के लिए आवेदन दिया .
सोनी सोरी को छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में चुन लिया गया .
सोनी को जबेली नाम के गाँव में सरकारी आश्रम की प्रधानाध्यापिका बना दिया गया .
सोनी आश्रम में रह कर बच्चों को पढाने लगी .
इसी बीच सोनी की पहचान अनिल से हुई
अनिल के पिता गीदम कसबे के बस स्टेंड में यात्रियों के लिए चाय नाश्ते का होटल चलाते थे .
अनिल ने बैंक से क़र्ज़ लेकर एक जीप खरीदी हुई थी और उसे किराये पर चलाता था .
सोनी और अनिल की मुलाक़ात प्यार में बदल गयी .
कुछ समय बाद सोनी और अनिल ने शादी कर ली .
सोनी के तीन संताने हुई . दो बेटियाँ और एक बेटा .
सोनी और उसके परिवार का जीवन शांति से चल रहा था .
क्रमशः ..... भाग - 2

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