Friday, March 11, 2016

सोनी सोरी - २


सोनी सोरी का एक भतीजा था . उसका नाम लिंगा कोडोपी था .
लिंगा कोडोपी के बड़े भाई ने बैंक से क़र्ज़ लेकर एक जीप खरीदी .
लिंगा कोडोपी अपने भाई की जीप लेकर टैक्सी के रूप में चलाने लगा.
एक बार लिंगा कोडोपी अपनी मोटर साईकिल से अपनी बुआ सोनी सोरी के घर आया और रात को वहीं रुक गया .
रात को पुलिस ने सोनी सोरी के घर को घेर लिया . पुलिस ने सोनी के घर में घुस कर लिंगा कोडोपी को पकड़ लिया .
पुलिस वाले लिंगा कोडोपी की मोटर साईकिल भी उठा कर ले गए .
सोनी सोरी और उसके पति अनिल ने पुलिस से पूछा कि आप इसे क्यों पकड़ रहे हैं तो पुलिस ने कहा कि चिंता मत करो , थोड़ी पूछताछ कर के छोड़ देंगे .
सबेरा होने पर सोनी सोरी अपने भतीजे लिंगा कोडोपी के बारे में जानकारी लेने कुआकोंडा पुलिस थाने में पहुँची .
वहाँ दंतेवाड़ा का एसपी अमरेश मिश्रा कुर्सी पर बैठा हुआ था . उसने लिंगा कोडोपी को अपने सामने ज़मीन पर बिठाया हुआ था .
सोनी सोरी ने एसपी से पूछा कि साहब आपने मेरे भतीजे को क्यों पकड़ा है ?
एसपी ने कहा कि ये आदिवासी लड़का मोटर साईकिल पर कैसे घूमता है ?
इसको ज़रूर नक्सलवादी पैसा देते होंगे . ये ज़रूर हमें नक्सलवादियों के बारे में जानकारी देगा .
लिंगा ने अपनी सफाई देने के लिए बोलने की कोशिश करी . लेकिन एसपी अमरेश मिश्रा ने लिंगा की छाती में जोर से एक लात मारी .
लिंगा ज़मीन पर लुढक गया .
सोनी ने अपने भतीजे को बचाने की कोशिश करी .
लेकिन दुसरे पुलिस वालों ने सोनी सोरी को दोनों बाजुओं से पकड़ लिया .
एसपी के साथ आये हुए सिपाहियों ने लिंगा कोडोपी को एसपी की जीप में पीछे डाल दिया और उसे वहीं दबा लिया .
एसपी अमरेश मिश्रा लिंगा कोडोपी को लेकर दंतेवाड़ा चला गया .
सोनी और उसका पति अनिल दिन में एसपी आफिस में आकर अमरेश मिश्रा से मिले .
उसने कहा कि हम लिंगा कोडोपी को नहीं छोड़ेंगे .
इसके बाद सोनी और उसका पति डीआईजी एसआरपी कल्लूरी से मिले .
डीआईजी ने भी मदद देने से इनकार कर दिया .
इस सब भागा दौडी में कुछ दिन बीत गए .
इस बीच सोनी और अनिल एसपी और डीआईजी से कई बार मिले और लिंगा कोडोपी को छोड़ देने की प्रार्थना करी .लेकिन इन अधिकारीयों ने उनकी बात नहीं सुनी .
सोनी और अनिल कोर्ट में जाकर वकील से मिले .
वकील ने पूछा कि लिंगा कोडोपी को पुलिस ने किस धारा में बंद किया है वह कागज़ दिखाओ ?
लेकिन सोनी और अनिल के पास तो कोई कागज नहीं था .
सोनी और अनिल फिर से एसपी के पास गए .
उन्होंने पूछा कि साहब आपने हमारे भतीजे पर कौन सी धाराएँ लगाईं हैं ,
हमें बताइये ताकि हम अदालत से उसे छुडवायें ?
एसपी ने कहा कि पुलिस ने तुम्हारे भतीजे को गिरफ्तार ही नहीं किया .
वह तो हमारे साथ विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में काम कर रहा है .
और दंतेवाड़ा थाने में रह रहा है . यकीन न हो तो जाकर थाने में देख लो .
(उन दिनों पुलिस सरकार के कहने से आदिवासी नौजवानों को इसी तरह से पकड़ कर उन्हें बंदूक पकड़ा कर आदिवासी गाँव को खाली करवाने का काम कर रही थी . इस अभियान को सरकार सलवा जुडूम कहती थी . इस अभियान और इसमें आदिवासी लड़कों की भर्ती को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाद गैरकानूनी घोषित किया . यह शर्म की बात है कि एक सरकार ही एक गैरकानूनी काम कर रही थी .)
सोनी और अनिल थाने में पहुंचे .
उन्होंने वहाँ थानेदार से लिंगा को बुलाने के लिए कहा .
कुछ देर में कुछ पुलिस वाले लिंगा को लेकर आये .
लिंगा को सोनी और अनिल को दिखाया और वापिस लेकर भीतर चले गए .
सोनी सोरी और अनिल वहाँ से अपने घर वापिस आ गए .
कुछ दिनों के बाद सोनी सोरी के पास एक फोन आया .
फोन पर लिंगा कोडोपी बोल रहा था .
लिंगा कोडोपी ने सोनी सोरी को बताया कि मैं एक लड़के से फोन मांग कर छुप कर यह फोन कर रहा हूँ .
असल में मुझे पुलिस दंतेवाड़ा के पूलिस थाने के शौचालय में बंद कर के रखा जाता है .
आधा पेट चावल देते हैं . मुझे मारते हैं .
मुझे ज़बरदस्ती विशेष पुलिस अधिकारी बनने के लिए दबाव डालते हैं . मुझे किसी तरह से छुड़ा लो बुआ .
सोनी सोरी ने लिंगा कोडोपी की वो बातचीत अपने फोन में रिकार्ड कर ली .
सोनी और अनिल वो फोन का रिकार्ड लेकर दंतेवाड़ा कोर्ट में आये और अपने वकील से मिले .
वकील ने कहा कि इस मामले में तुम लोग वनवासी चेतना आश्रम के हिमांशु कुमार से मिलो . अब वही तुम्हारी मदद कर सकते हैं .
सोनी यह सुन कर खुश हो गयी .
उसने अनिल से कहा कि हिमांशु जी तो मेरे गुरु रहे हैं .
जब मैं डिमरापाल आश्रम में पढ़ती थी . तब हिमांशु जी और उनकी पत्नी वीणा जी वहाँ अक्सर आते थे और बच्चों को पढ़ाते थे कहानियाँ सुनाते थे और खेल खिलाते थे . चलो हम उनसे मिलते हैं .
सोनी सोरी और अनिल जाकर हिमांशु और वीणा से मिले .
इन दोनों का गांधीवादी आश्रम सरकार ने तब तक तोड़ दिया था .
क्योंकि ये दोनों सरकार द्वारा आदिवासियों पर किये जाने वाले अत्याचारों का विरोध करते थे .
इस समय हिमांशु और वीणा कतियाररास नाम के गाँव में एक किराये के मकान में रह रहे थे .
हिमांशु ने पूरी कहानी सुनने के बाद सोनी सोरी और अनिल से पूछा कि आप लोगों के पास अपनी बात साबित करने के लिए कोई सबूत है क्या ?
सोनी ने अपने फोन में लिंगा की रिकार्ड की हुई बातचीत हिमांशु को सुनने के लिए दी .
क्रमशः --- 3

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