Saturday, July 30, 2016

इन्कलाब जिंदाबाद

आपकी देशभक्ति हमारे सिपाहियों के मरने पर उफनती है
आप फेसबुक पर लाईक , शेयर , कमेंट करके अपनी देशभक्ति दिखाते हैं
और अगर कोई सवाल उठाये कि आइये सिपाहियों के मरने के मूल कारणों को हल करने की कोशिश करें
तो आप उसे गालियां बकने लगते हैं
जैसे अगर कोई कहे कि कश्मीर समस्या का हल सोचना चाहिये
तो आप उसे गाली देते हैं
या अगर बस्तर में सिपाहियों के मरने पर कोई कहे कि
हमें नक्सल समस्या पर चर्चा करनी चाहिये
तो भी आप गाली देने लगते हैं
इसी तरह पूर्वोत्तर की समस्या को समझने के सुझाव पर भी आप खफा हो जाते हैं
आप कहते हैं
हमारे वीर सिपाही कश्मीर , छत्तीसगढ़ या मणिपुर में देशद्रोहियों को मार देंगे
फिर सब ठीक हो जायेगा
असल में आपको सिपाहियों से कोई प्रेम नहीं है
आपको सिपाहियों के मरने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता
सिपाही बेचारा गरीब का बच्चा है और बन्दूकधारी मज़दूर है
सिपाही असल में आपके लालच के लिये मारा जा रहा है
आपको कश्मीर की ज़मीन चाहिये
कश्मीरी नहीं चाहिये
आपको छत्तीसगढ़ के खनिज चाहिये
छत्तीसगढ़ के आदिवासी नहीं चाहियें
आपको पूर्वोत्तर के राज्यों से बिजली चाहिये
वहाँ के लोगों को आप चिंकी के सम्बोधन के अलावा ज़्यादा इज्ज़त देने के लिये तैयार नहीं हैं
आप कभी छत्तीसगढ़ , कश्मीर या मणिपुर की बलात्कार पीड़ित लड़कियों को इस देश की नागरिक मानने को भी तैयार नहीं हुए
असल में आपकी देशभक्ति फर्ज़ी है
आपको बस लूट में हिस्सा चाहिये
ताकि आपकी कार , ऐश , शापिंग मॉल वाली जिंदगी चलती रहे
आप को ना देश से कोई मतलब है
ना यहाँ के नागरिकों की आपको कोई चिंता है
ना आपको सिपाहियों के मरने की चिंता है
आपका व्यवहार साम्राज्यवादी व्यवहार कहलाता है
जैसे अंग्रेजों को भारत तो चाहिये था
लेकिन भारतीयों से उन्हें कोई प्यार नहीं था
इसी लिये भगत सिंह का नारा था
साम्राज्यवाद मुर्दाबाद
भगत सिंह का नारा आपके ही खिलाफ था
भगत सिंह जानते थे यह दिन आयेगा
इसे बदलने के लिये ही भगत सिंह नें नारा दिया था
इंकलाब जिंदाबाद
ध्यान रखियेगा आपके लालच, लूट और चालाकी के रहते देश में शांति , और सद्भाव आ ही नहीं सकता
हम इस लूट की पोल खोलेंगे
हम देशप्रेम को यहाँ के लोगों से प्रेम करने की शर्त में बदल देंगे
हम कभी नहीं थकेंगे
इन्कलाब जिंदाबाद
साम्राज्यवाद मुर्दाबाद

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