अगर आपको लगता है कि ज़ाकिर नाइक के भाषण सुन कर कोई आतंकवादी हरकत करता है
तो आतंकवादी हरकत करने वाले पर कार्यवाही कीजिये
जाकिर नायक पर कार्यवाही की मांग मत कीजिये
क्योंकि अगर आप ऐसी मांग करेंगे तो अपने तर्क में खुद ही फंस जायेंगे
जैसे सरकार लम्बे समय से कोशिश कर रही है कि
आदिवासियों के लिये आवाज़ उठाना जुर्म घोषित कर दे
और आवाज़ उठाने वाले को जेलों में डाल दे
सरकार वहाँ भी यही तर्क लगाती है
सरकार कहती है कि आदिवासियों के लिये नक्सलवादी लड़ रहे हैं
और यह मानवाधिकार वाले भी आदिवासियों के लिये आवाज़ उठाते हैं
इससे यह सिद्ध होता है
कि मानवाधिकार कार्यकर्ता और नक्सलवादी एक ही विचारधारा के हैं
और चूंकी नक्सलवादी हिंसक संघर्ष में यकीन करते हैं
इसलिये मानवाधिका कार्यकर्ताओं को भी जेल में डाल देना चाहिये
सरकार यह भी कहती है कि यह सामाजिक कार्यकर्ता नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं
इसलिये इन सामाजिक कार्यकर्ताओं को सज़ा दी जाय
और इस तर्क के आधार पर बहुत सारे कार्यकर्ताओं को पुलिस जेल में डाल भी देती है
सोनी सोरी , बिनायक सेन , प्रशांत राही , सीमा आज़ाद और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जेलों में डाला भी है
लेकिन भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में कई बार संविधान की मंशा स्पष्ट कर चुका है
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि विचारधारा को अपराध घोषित नहीं किया जा सकता
इसलिये अगर किसी की विचारधारा नक्सली, आतंकी , पृथकतावादी, अराजकता वादी या कोई और भी क्यों ना हो
उसे सज़ा नहीं दी जा सकती
सज़ा सिर्फ आपके द्वारा करी गई गतिविधि के लिये दी जा सकती है
सिर्फ उन्हीं गतिविधियों के लिये सज़ा दी जा सकती है
जिन्हें भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी में अपराध माना गया हो
मेरे बारे में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दर्खवास्त दी कि हिमांशु कुमार नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखता है
इसलिये कोर्ट हिमांशु कुमार की बात ना सुने
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि किसी के प्रति सहानुभूति रखना कोई अपराध नहीं है
हिमांशु कुमार जो कोर्ट में मामला लाये हैं उस पर जवाब दीजिये
उसके अलावा कोई किताब रखना , कोई भाषण देना , किसी संगठन का सदस्य होना , किसी के प्रति सहानुभूति रखना अपराध नहीं माना जायेगा
क्योंकि अगर आप ऐसा कर देते हैं
तो कल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कहेगा कि जो हमारी विचारधारा को नहीं मानेगा उसे जेल में डाल दिया जायेगा
क्योंकि संघ की विचारधारा राष्ट्रवादी है इसलिये संघ के अलावा बाकी विचारधारायें राष्ट्रद्रोही हैं
तब आप अपने ही तर्क में फंस जायेंगे
इसलिये सिर्फ भाषण देने के लिये जाकिर नाइक पर कार्यवाही करने का समर्थन मत कीजिये
वर्ना कल को किसी के भी भाषण देने पर सरकार पाबंदी लगा सकती है
भाषण का जवाब भाषण से दीजिये
अगर जाकिर नाइक गलत बात कह रहा है तो आप एक सही भाषण दीजिये
सरकार की ताकत का भीड़ द्वारा दुरुपयोग करने की कोशिश का हिस्सा मत बनिये
यह रास्ता आगे जाकर आप की गरदन तक पहुंचता है
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